कैसा होता है पेपर लिक  ? ( up paper leak )

तो आखिरकार लाखों स्टूडेंट्स का विरोध रंग लाया और यूपी सरकार ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द कर दी पेपर लीग की खबरों के पाच दिन के बाद इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया और कहा गया कि पुलिस की अगली भर्ती परीक्षा सिर्फ छ महीनों के अंदर दोबारा होगी आपको बता दें यूपी सरकार की पुलिस भर्ती बोर्ड ने 17 और 18 फरवरी को यूपी के 75 जिलों में दो पालियो में पुलिस भर्ती की परीक्षा कंडक्ट की थी पहली परीक्षा सुबह 10 से 12:00 बजे के बीच हुई और दूसरी पाली में परीक्षा दोपहर 3:00 से 5:00 बजे के बीच हुई यूपी पुलिस के 60244 पदों के लिए कुल 48 लाख से भी ज्यादा युवाओं ने हिस्सा लिया

जिसमें 16 लाख तो महिलाएं थी 17 और 18 फरवरी के बीच यूपी के 2385 एग्जाम सेंटर्स पर यह परीक्षा हुई अब सुनिए हुआ क्या 17 फरवरी को जिस दिन पहला एग्जाम था उसी दिन सुबह सोशल मीडिया पर कुछ पर्चे वायरल होने लगे एक पचे में तो 150 में से 117 सवालों के सही जवाब थे जो बड़ी अच्छी हैंडराइटिंग में लिखा हुआ था और दूसरे पर्चे में 150 में से 150 सवालों के जवाब थे 17 फरवरी की सुबह 9:30 बजे एक twitter हैंडल से एक twitte किया गया जिसमें लिखा गया था क्या यू पी पी का पेपर लीक हो गया है जिस वक्त तक यह ट्वीट किया गया था, उस वक्त तक परीक्छा शूरु नहीं हुई थी

 

 

यू पी पुलिस ट्वीट करके क्या कहा ?

इस ट्विट के जबाब मे यू पी पुलिस की फैक्ट चेक टीम ने 17 फ़रवरी सुबह 11:37 पर ट्वीट करके इसे मिस्स लिडिंग इनफार्मेशन बता दिया मगर 17 फ़रवरी को शाम 8:18 पर एग्जामपुर के नाम से यूट्यूब चैनल चलाने वाले विवेक कुमार ने ट्वीटर पर पेपर लीक से जुड़े कई स्क्रीनशॉट शेअर किये और बाद मे अपने चैनल पर इससे जुडा एक वीडियो भी शेयर किया इन ट्वीट और वीडियो के सामने आते ही हंगामा मच गया क्युकी इस बिच बहुत सारे व्हाट्सप्पस ग्रुप और टेलीग्राम चैनल पर खबरें आने लगी थी मगर भर्ती बोर्ड अभी भी पेपर लीक की खबर को मानाने के लिए तैयार नहीं था

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड ने इन खबरों पर फिर से ट्वीट करके इन खबरों को अराजक तत्वों की हरकत बताया और यहां तक क्लेम कर दिया कि टेलीग्राम के एडिट ऑप्शन का यूज़ करके सोशल मीडिया पर पेपर लीक से जुड़ा झूठ फैलाया जा रहा है मगर तब तक इतने सारे सुबूत सामने आ चुके थे कि किसी के लिए भी उसे झूठा बताना पॉसिबल नहीं था

 

 

पेपर लीक के खबर सामने आते ही बच्चों का सपना टूट गया

पेपर लीक इन खबरों के सामने आते ही लाखों बच्चों पर पहाड़ टूट पड़ा आप उन बच्चों के दुख का अंदाजा लगाइए जो छोटे-छोटे शहरों से लखनऊ और इलाहाबाद आकर दो-दो साल तक ऐसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे बेहद मामूली घरों से आने के बावजूद यह बच्चे 1 साल की तैयारी में काम से कम दो से ढाई लाख खर्च कर चुके थे वह बच्चे जो सुबह नाश्ता किए बिना कोचिंग पर चले जाते हैं शाम को लौटते हैं तो अपना खाना खुद बनाते हैं

इस बीच अगर वो बीमार भी पड़ते हैं तो उनका ख्याल रखने वाला कोई नहीं होता इन सबके बावजूद ये बच्चे अपनी और अपने परिवार की तकदीर संभलने के लिए दिन रात तैयारी करते हैं और फाइनली जब परीक्षा का दिन आता है तो उन्हें अचानक से यह पता चलता है कि पेपर तो लीक हो गया आप अंदाजा भी लगा सकते हैं ऐसी खबरों से इन बच्चों पर क्या गुजरती होगी उनके हौसलों पर इसका क्या असर पड़ता होगा

 

 

पेपर लीक से परेशान होकर बृजेश पाल ने अपनी दे दी

इसी पेपर लीक से परेशान होकर 28 साल के बृजेश पाल ने अपनी दे दी अपने आखिरी खत में उन्होंने लिखा कि मैं अब और जीना नहीं चाहता मेरा मन भर गया है मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है हो सके तो मम्मी पापा मुझे माफ कर देना मैंने अपनी बीएससी की डिग्री के सारे कागज जला दिए हैं

ऐसी पढ़ाई का क्या फायदा जो एक नौकरी ना दिला सके हमारी आधी जिंदगी पढ़ते पढ़ते निकल गई इसलिए हमारा मन भर गया है यह चिट्ठी लिखने के बाद बृजेश ने अपनी जान दे दी दोस्तों ये चिट्ठी एक मजबूर बेरोजगार युवा का दर्द नहीं बल्कि एक राष्ट्र और समाज के तौर पर हम सबके मुंह पर थप्पड़ है तमाचा है एक आदमी एक मिडिल क्लास आदमी सोसाइटी से क्या चाहता है यही चाह रहा था ना वो कि मैं मेहनत करता हूं और तुम अपनी इतनी बड़ी दुनिया में मुझे भी छोटी सी जगह दे दो ताकि मैं भी इज्जत से सम्मान से अपनी लाइफ जी सकूं इस लायक बन सकूं कि अपना और अपने मां-बाप का ख्याल रख सकू

लेकिन वोह समाज अगर बृजेश पाल जैसे युवाओं को यह लड़ाई लड़ने का हक भी ना दे ईमानदारी से एक परीक्षा भी ना देने दे तो बताइए वो इंसान कहां जाए बृजेश पाल और उन्हीं की तरह लाखों युवा आखिर क्या कर सकते हैं बताइए देश में पेपर लीक कितनी बड़ी प्रॉब्लम है जब मैं आपको उससे जुड़े आंकड़े बताऊंगा तो आपका सिर चकरा जाएगा आपको शायद अपने कानों पर भी यकीन ना हो अगर ये पेपर लीक ना होते ना दोस्तों तो ना जाने कितने यंगस्टर्स की नौकरी लग सकती थी उनमें से कितने बेरोजगार बच्चे आज कमा रहे होते

 

 

पेपर लीग प्रॉब्लम ?

पेपर लीग भारत में इतनी बड़ी प्रॉब्लम है कि पिछले 7 साल में लगभग 70 पेपर लीग हो चुके हैं इस पेपर लीग का असर डेढ़ करोड़ बच्चों पर पड़ा है अकेले राजस्थान में 2011 से 2022 तक 26 पेपर लीक हुए गहलोत सरकार के टाइम नकल की वजह से 14 अलग-अलग पेपर कैंसिल करने पड़े 2019 के बाद हर साल एवरेज तीन पेपर लीक होते हैं उत्तर प्रदेश में 2017 से 2022 तक आठ पेपर लिख हुए अकेले उत्तराखंड में 2 साल में पटवारी से लेकर लेखपाल सहायक समीक्षा अधिकारी पोस्टमैन छात्रावास अधीक्षक ग्राम विकास अधिकारी के पेपर्स तक रद्द हो चुके हैं पिछले साल बिहार में बिहार लोक सेवा आयोग का पेपर लीक हो गया जिसमें 6 लाख से ज्यादा बच्चे परीक्षा में बैठने वाले थे

इसी तरह यूपी में राजस्व लेखपाल की मुख्य परीक्षा का पेपर लीक हो गया बाद में जांच में पता चला कि बच्चों से मोटे पैसे लेकर एग्जाम में सॉल्वर बिठाए गए थे एग्जाम सेंटर पर ही नकल करने का सारा इंतजाम किया गया था इससे पहले यूपी में ही टीटीई की परीक्षा का पेपर वायरल हुआ राजस्थान में पुलिस कांस्टेबल की परीक्षा का पेपर वायरल हो गया 2021 में रीट परीक्षा के पेपर को लेकर पूरे देश में बवाल मच गया इस मामले में बोर्ड के चेयरमैन को सस्पेंड किया गया शर्म की बात है दोस्तों कि इस मामले में तो एक आरएएस आरपीएस और शिक्षा विभाग के 13 लोगों के अलावा दो पुलिस वाले भी शामिल थे

 

 

मतलब पूरी की पूरी स्टेट मशीनरी मिलकर एक पेपर लीक करवाने में शामिल थी और अब तक मैंने जितने मामले गिनवाला एक दो सालों के हैं उनमें से भी मैंने कुछ ही मामलों का का जिक्र किया है इससे आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि किस सिस्टमिक तरीके से देश के युवा को लूटा जा रहा है दिनदहाड़े उसके हक पर डाका डाला जा रहा है आपको बता दें कि जिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के लिए 50 लाख बच्चों ने अप्लाई किया था उनके लिए एग्जाम सिर्फ एक एग्जाम नहीं था इस एग्जाम में पास होकर वो अपनी पूरी पीढ़ी संवार सकते थे इसे आप इस तरह से समझें कि ट्रेनिंग खत्म होने के बाद एक कांस्टेबल को सेवंथ पे कमीशन के हिसाब से सैलरी मिलती है

 

 

आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर पे बैंड 5200 से 20200 के पे स्केल में यानी ₹ 21700 तक सैलरी मिलती है इसके अलावा महंगाई भत्ता यानी डियर निस अलाउंस ट्रेवल अलाउंस हाउस रेंट अलाउंस मेडिकल अलाउंस के अलावा और कई सुविधाएं मिलती हैं और एंड में तनख्वाह के तौर पर हाथ में 35000 से 40000 आ जाते हैं गरीब और मध्यम वर्ग घरों से पले बच्चे सोचते हैं कि इतने पैसों से वो अपनी और अपने घर की तकदीर बदल देंगे जो बच्चे और ऊंची उड़ान भरना चाहते हैं उन्हें लगता है कि एक बार सिपाही बनकर वो यूपीएससी और बाकी प्रतियोगी परीक्षाएं देकर ऊंचे पदों पर भी जा सकते हैं अगर नहीं भी जाते तो वो भी 8 साल की नौकरी में एक सिपाही हेड कांस्टेबल बन जाता है 15 साल की नौकरी के बाद सब इंस्पेक्टर और 25 साल में एक सिपाही इंस्पेक्टर तक बन जाता है

और अगर उसमें लगन है तो अपनी नौकरी के आखिरी सालों में वो डीएसपी के पद तक भी पहुंच सकता है इसलिए कुछ लोगों की नजर में सिपाही की मामूली सी माने जाने वाली नौकरी देश के लाखों करोड़ों युवाओं के लिए अपनी जिंदगी बदलने के लिए एक महत्त्वपूर्ण सीढ़ी होती है और जब भी कोई इस परीक्षा में हेरफेर करता है उनसे उनका हक छीन है परीक्षा रद्द करवाता आता है तो इन लोगों को लगता है कि सीढ़ी पर पांव रखने से पहले ही उन्हें नीचे गिरा दिया गया है

 

 

पेपर लीक कैसे हो जाता है  ?

आप में से बहुत लोगों के जहन में ये सवाल होगा कि जो परीक्षा या पेपर इतने लोगों के लिए जिंदगी और मौत का सवाल होता है आखिर वो पेपर लीक कैसे हो जाता है कौन लोग हैं इस लीक के पीछे और क्या बिना हाई प्रोफाइल लोगों के शामिल हुए इस तरह के पेपर लीक होना पॉसिबल है क्या तो आइए आपको डिटेल में बताते हैं कि पेपर लीग का ये पूरा रैकेट आखिर चलता कैसे है पेपर लीक में सबसे पहली गुंजाइश तो यही होती है कि जिन लोगों के पास पेपर सेट करने की जिम्मेदारी होती है वही मोटे पैसे के लालच में इसे लीक कर देते हैं दूसरा तरीका होता है कि जिस प्रिंटिंग प्रेस के जरिए ये पेपर छपते हैं वहीं से ये पेपर लीक कर दिए जाए अब तक सभी तरह की परीक्षाओं के पेपर सरकारी प्रिंटिंग प्रेस से ही छपते थे तो ऐसा होने की गुंजाइश कम थी मगर जब से यह पेपर प्राइवेट प्रेस में छपने लगे हैं तो वहां से इसके लीक होने के चांस भी बढ़ गए हैं

इसके अलावा जो एजेंसी इस तरह के एग्जाम कंडक्ट कराती है वहां से भी ये पेपर लीक हो जाते हैं उन एजेंसीज में काम करने वाले कुछ पुराने बाबू भी पेपर लीक करवा देते हैं इसके अलावा चौथी जगह होती है वो एग्जामिनेशन सेंटर जहां पर पेपर रखे होते हैं अगेन यहां मैं किसी स्टेट का नाम नहीं लूंगा लेकिन सबको पता है कि कुछ राज्यों में एग्जाम सेंटर से ही पेपर लीक हो जाना नकल करवाना कितना आसान रहा है मतलब यह कि जो जो आदमी या संस्था पेपर करवाने के लिए जिम्मेदार है वही लोग पेपर लीक करवाने में भी शामिल होते हैं

 

 

ये लोग पैसे के लाल कलच में भी ऐसा करते हैं और कई बार तो राजनीति क्षय और उकसावे पर भी अब ये पावरफुल लोग परीक्षा के हिसाब से एक-एक स्टूडेंट से 25 से 50 लाख लेकर पर्चे लीक कर देते हैं अब एक स्टूडेंट के लिए अपने लेवल पर इतना पैसा देना पॉसिबल नहीं होता तो वो कुछ और बच्चों को इसमें शामिल करवा लेता है इस तरह बच्चों की चेन बन जाती है और कई बार ऐसा होता है कि एग्जाम की डेट आने तक वही पेपर ₹ 500 तक में भी बिकने लग जाता है

फिर व्हाट्सएप पर आ जाता है टेलीग्राम पर आ जाता है फिर चारों तरफ हल्ला हो जाता है और फिर पेपर रद्द करना पड़ता है जीस उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर अभी लीक हुआ इसके पेपर भी आखिर में 100 – 100 मे टेलीग्राम पर बिक रहा है मगर हैरान करने वाली बात यह दोस्तों की इतने पेपर लीक होने के बाद भी अपने इन मामलों में कितने लोगों को आज तक जेल जाते देखा है बताइए कितने बड़े लोगों की नौकरी जाते देखी है बताइए लगभग न के बराबर वो इसलिए क्योंकि ये सारा खेल बड़े ही वेल प्लान तरीके से खेला जाता है पेपर लीक करवाते वक्त ही एक ऐसा आदमी तैयार कर लिया जाता है जो कल को पोल खुलने पर आगे आकर लीक की जिम्मेदारी ले ले और इस सब के बदले उस आदमी के परिवार को मोटी रकम भी दी जाती है

 

up paper leak

 

पेपर लीग करवाना नकल करता पकड़ा गया तो उसे जुर्माना भरना होगा

पेपर लीग की इसी बीमारी या यूं कहें कि इस अपराध को रोकने के लिए इसी महीने के शुरू में केंद्र सरकार लोक परीक्षा विधेयक 2024 लेकर आई इस विधेयक के मुताबिक सामूहिक तौर पर करवाना गैर जमानती अपराध होगा अगर कोई नकल करता पकड़ा गया तो उसे 3 साल की सजा और 10 लाख तक जुर्माना भरना होगा पर्चा लीक में अगर कोई बड़ा रैकेट शामिल है तो उस पर ₹ करोड़ तक का जुर्माना और 10 साल तक की जेल हो सकती है उसे इसके अलावा विधेयक में एक नई जांच समिति बनाने का भी प्रस्ताव रखा गया है

यह समिति एग्जाम प्रोसेस को और सुरक्षित बनाने पर सुझाव देगी विधेयक के दायरे में यूपीएससी एसएससी रेलवे की ओर से आयोजित प्रतियोगी परीक्षाएं बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की ओर से आयोजित सभी क कंप्यूटर आधारित परीक्षाएं आएंगी देखिए विधेयक तो आ गया मगर फिर भी इन सबसे ऊपर है पेपर करवाने से जुड़े लोगों की खुद की इंटीग्रिटी फिर चाहे वो पेपर सेट करने वाला पैनल हो पेपर करवाने वाली एजेंसी हो या परीक्षा केंद्र में बैठे लोग जब तक यह लोग अपनी रिस्पांसिबिलिटी नहीं समझेंगे इस बात का एहसास नहीं करेंगे कि पेपर लीक या नकल करवा के वो ना जाने कितने लोगों का भरोसा तोड़ रहे हैं

तब तक कुछ भी बदलने वाला नहीं है उन्हें यह समझना होगा कि पेपर लीक करवाना नकल करवाना कोई पर्सनल करप्शन नहीं है बल्कि करोड़ों युवाओं के सपनों का कत्ल करना है उन युवाओं के अरमानों पर डाका डालना है जो परीक्षा में बैठने से पहले ना जाने कितने सपने देखते हैं उन सपनों को पूरा करने के लिए ना जाने कितने घंटे खपा हैं अपना कितना शरीर तपा हैं जलाते हैं अपनी मेहनत से मां-बाप के दिल में दिन बदलने की उम्मीद जगाते हैं और जब ऐसे बच्चे परीक्षा में नहीं बैठ पाते तो सोचिए उन पर और उनके परिवार पर क्या बीती होगी

 

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पेपर में नकल करवाने वाले पर्चा लीक करवाने वाले हो सकता है ऐसा करके वह लाखों करोड़ों कमा ले इस पैसे से हो सकता है वह अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भारत से बाहर भेज देते हो दुनिया की हर लग्जरी उनके लिए खरीद ले मगर इन लोगों की यह हरकत इस दुनिया से बृजेश पाल जैसे ना जाने कि कितने नौजवानों की जिंदगी छीन लेती है वो बृजेश पाल जो अपने लिए लखनऊ के किसी पौश इलाके में बंगला नहीं चाहता था वो बृजेश पाल जो खुद के लिए कोई महंगी गाड़ी की भी चाहत नहीं रखता था वो गोवा या मनाली में कोई हॉलिडे होम भी नहीं बनाना चाहता था वो बेचारा तो बस यह चाहता था कि उसे ईमानदारी से एक परीक्षा में बैठने दिया जाए वो एक मामूली परीक्षा पास करके बस अपने लिए नौकरी चाहता था

नौकरी से चंद पैसे कमाकर अपनी फैमिली अपने परिवार के प्रति जिम्मेदारी निभाना चाहता था मगर इस सिस्टम ने बृजेश को वो हक भी नहीं दिया और मजबूरन वह हम सबको छोड़कर चला गया यूं तो जान देना किसी प्रॉब्लम का सलूशन नहीं है लेकिन किसी को यूं जान देने के लिए मजबूर कर देना भी किसी सोसाइटी को शोभा नहीं देता इसलिए बृजेश हम शर्मिंदा हैं और ऊपर वाले से यही प्रार्थना करते हैं कि आपकी तरह किसी और को अपने नसीब के आगे यूं मजबूर ना होना पड़े उम्मीद करते हैं कि हालात बदलेंगे और उन बदले हुए हालात में बहुत सारे लोग अपना नसीब भी बदल पाएंगे और इसके अलावा क्या कए अभी के लिए इतना ही बाकी आपको क्या लगता है पेपर लीग के इस प्रॉब्लम का सलूशन क्या है कौन लोग हैं

 

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1 सड़क पर नमाज पढ़ते लोगों को लात मारते हुए एक पुलिस वाले का वीडियो वायरल हो गया पूरा सच क्या है जानते है 

2. बच्चों का क्या कसूर था किउ मार डाला सामने आया बदायूं घटना का पूरा सच 

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