hardik ke shath sahi or ishan kisan sreysh aiyer ke shath galat

तो भाई लोगों इंडियन क्रिकेट में वो हो गया है जो आज तक नहीं हुआ

बीसीसीआई ने डोमेस्टिक क्रिकेट को इंपॉर्टेंस ना देने के चलते ईशान किशन और श्रेय अयर दोनों को बोला पहली फुर्सत में निकल कोई जरूरत नहीं कुछ लोग इसे बीसीसीआई का आज तक का सबसे बड़ा कदम बता रहे हैं तो वहीं कुछ की शिकायत यह है कि अयर और किशन तो ठीक है मगर बीसीसीआई ने हार्दिक पंड्या को क्यों छोड़ दिया क्योंकि आईपीएल के कारण इंटरनेशनल क्रिकेट का सबसे ज्यादा मजाक तो उन्हीं ने बनाया है जितना पांड्या इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं खेलते उससे ज्यादा वो

आप लोग भी सोच रहे होंगे कि जिस ईशान किशन ने वन डे में डबल 100 लगाया है जो श्रेया सैयर वर्ल्ड कप में मिडिल ऑर्डर में आकर 500 से ज्यादा रन बना लेते हैं वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में 100 बनाकर टीम इंडिया को मैच ताते हैं आखिर इन जैसे प्लेयर्स को बीसीसीआई ने सेंट्रल कांट्रैक्ट क्यों नहीं दिया

 

आइए इन सारे सवालों से अगर मगर हटाते हैं और आपको पूरी कहानी बताते हैं

पहले बात ईशान किशन की बात शुरू होती है साउथ अफ्रीका दौरे से जब टेस्ट सीरीज से पहले ईशान किशन ने यह बोलकर अपना नाम वापस ले लिया कि वह मेंटली ठीक फील नहीं कर रहे जबकि हकीकत यह थी कि वो टी-20 टीम में उनकी जगह जितेश शर्मा को सेलेक्ट करने से नाराज थे अफ्रीका टोर में टेस्ट सीरीज में भी केएल कीपिंग करते तो ईशान की टीम में जगह नहीं बनती और वह बहाना बनाकर वहां से निकल लिए मगर टीम मैनेजमेंट ने इस पर भी कोई सवाल नहीं किया और उनकी बात की रिस्पेक्ट करते हुए उनसे कहा कि ठीक है

खबर यह है कि इस बीच जब इंग्लैंड सीरीज के लिए उनसे फिर से कांटेक्ट किया गया तब भी उन्होंने खुद को अनअवेलेबल बताया मगर लोगों को हैरानी और गुस्सा तब आई जब वो अपने टा पर मुंबई के कप्तान हार्दिक पंड्या के साथ बड़ौदा में प्रैक्टिस करते नजर आए लोगों ने कहा अगर तुम पंड्या के साथ नेट प्रैक्टिस कर सकते हो इससे पहले दुबई जाकर पार्टी वार्टी भी कर सकते हो तो टीम इंडिया के लिए क्यों नहीं खेल सकते

 

 

द्रविड़ ने क्या कहा अयर और ईशान किसन ने क्या बहाना बनाया  ?

इस बीच ड्र विड ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी ये क्लियर कर दिया कि अगर ईशान को टीम इंडिया में वापस आना है तो उन्हें रंजीत खेलना होगा फिर रोहित ने भी बोला कि मौका उन्हीं को मिलेगा जिनमें भूख होगी मगर कुछ खिलाड़ियों की मोटी खाल पर इसका कोई असर नहीं हुआ बीसीसीआई ने भी इस बात को क्लियर किया कि अगर कोई प्लेयर टीम में नहीं चुना गया है तो उसे अपनी स्टेट टीम की तरफ से रणजी खेलना चाहिए मगर ईशान भैया कहां मानने वाले थे इन सब बातों पर उनका यही रिस्पांस था कि हमको घंटा फर्क नहीं पड़ता

दूसरी तरफ इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के बाद बाहर होने के बाद अयर ने कहा कि उन्हें पीठ में तकलीफ है इसके बाद दूसरे मैच के बाद उन्हें टीम से रिलीज कर दिया गया इस बीच एनसीए ने उन्हें फिट डिक्लेयर कर दिया मगर बावजूद इसके अयर ना टीम इंडिया के लिए अवेलेबल हुए और ना ही अपनी रंजी टीम मुंबई के लिए खेलने गए मगर इस बीच वो कोलकाता के प्रीसीजन कैंप में भाग लेने पहुंच गए रिपोर्ट्स में इस बात का खुलासा किया गया कि दोनों ही खिलाड़ियों के इस रवैए से बीसीसीआई और सिलेक्टर्स काफी नाराज थे

यहां तक कि जय शाह ने तो सभी कांट्रैक्टेड प्लेयर्स को चिट्ठी लिखकर यहां तक बोला था कि वो इंटरनेशनल और डोमेस्टिक क्रिकेट के ऊपर आईपीएल को प्रायोरिटी दें मगर इन सब के बावजूद ईशान किशन बड़ौदा में मुंबई के कप्तान हार्दिक पंडेया के साथ प्रैक्टिस करते रहे और श्रेय सैयर ने कोलकाता का कैंप जवाइन किया इस बात से सलेक्टर्स और चिढ़ गए इनफैक्ट एक वेबसाइट पर एक सिलेक्टर के हवाले से लिखा गया कि अगर खिलाड़ियों को एनसीए फिट बता रही है और इसके बावजूद वो नेशनल टीम के लिए अवेलेबल नहीं होते ना अपनी स्टेट टीम के लिए खेलते तो क्या रीजन है जो हम खिलाड़ियों को सेंट्रल कांट्रैक्ट दे दें

 

 

सेंट्रल कांट्रैक्ट के लिए हार्दिक अच्छा और अयर किसन बाहर किउ

तो बस यहां तक कि सारी कहानी सही लगती है सोशल मीडिया पर भी ज्यादातर लोगों का रिस्पांस यही है कि आप चाहे कितने बड़े खिलाड़ी क्यों ना हो मगर आप अपनी नेशनल टीम के ऊपर अपनी आईपीएल टीम को प्रायोरिटी नहीं दे सकते इसलिए इन दोनों प्लेयर्स को सेंट्रल कांट्रैक्ट ना मिलने को ज्यादातर लोग ठीक मानते हैं मगर लोगों का सवाल यह भी है कि अगर आईपीएल टीम को प्रायोरिटी देना ही अगर इन दोनों प्लेयर्स को कांट्रैक्ट ना मिलने का रीजन है तो फिर हार्दिक पंड्या को तो पहले बाहर होना चाहिए था

मगर फैक्ट यह है कि नए कांट्रैक्ट में हार्दिक पंड्या को एक ग्रेड में रखा गया है हार्दिक को लेकर लोग क्या बोल रहे हैं क्या कमेंट कर रहे हैं उन लोगों के क्या ऑब्जेक्शन है जब ईशान किशन और अयर को सेंट्रल कांट्रैक्ट से बाहर किया गया तो बहुत सारे लोगों ने सवाल उठाया कि भाई ये दोनों तो ठीक है मगर आईपीएल के चलते इंटरनेशनल क्रिकेट की सबसे ज्यादा बेएंड तो पंड्या भाई ने बजाई है पंड्या भाई के आगे कोई बोल सकता है क्या तो बीसीसीआई ने उसे किस बेस पर एक ग्रेड दे दिया यही जनता पूछ रही है

 

 

पांड्या नेशनल टीम में नहीं खेलते मगर आईपीएल के लिए तैयार

पांड्य उन प्लेयर्स में से हैं जो साल भर किसी ना किसी वजह से इंजरी की बात करके नेशनल टीम में नहीं खेलते मगर आईपीएल के टाइम अंडरटेकर की तरह ताबूत की कीले उखाड़ कर बाहर आ जाते हैं हार्दिक पंडे के रिकॉर्ड पर अगर एक नजर डाले तो आपके होश उड़ जाएंगे टीम इंडिया में अपने डेब्यू के बाद हार्दिक पांड्या ने आईपीएल के 90 % से ज्यादा मैच खेले हैं मगर इसी पीरियड में हार्दिक पंड्या ने टीम इंडिया के 160 टी-20 मैचों में से सिर्फ 92 मैच खेले हैं

मतलब डेब्यू के बाद से पंड्या ने इंजरी की वजह से टीम इंडिया के 43%  t-20 मैच नहीं खेले हैं पंड्या के डेब्यू के बाद टीम इंडिया ने 156 वनडे मैच खेले हैं इन 156 में से हार्दिक ने सिर्फ 86 मैच खेले हैं मतलब पांड्या ने टीम इंडिया के 45 % वनडे मैच भी नहीं खेले हैं और टेस्ट मैच का हाल तो सबसे ज्यादा बुरा है वो टेस्ट क्रिकेट जो रियल क्रिकेट माना जाता है वो टेस्ट क्रिकेट जिसे खेलने के लिए कई फोरेन प्लेयर्स आईपीएल का करोड़ों रुपया ठुकरा कर अपने देश के लिए टेस्ट सीरीज खेलते हैं

मगर हमारे पंड्या भाई ऐसे नहीं हैं वो लक्ष्मी जी का ऐसा अपमान नहीं करते टीम इंडिया में अपने डेब्यू के बाद से उन्होंने इंडिया की तरफ से सिर्फ 17 % टेस्ट खेले हैं मतलब जनता यह कह रही है कि जिन पंड्या जी को टीम इंडिया का फ्यूचर कप्तान बताया जा रहा है उन पंड्या जी की प्रायोरिटी ये है कि वो 90 % आईपीएल मैच तो खेल सकते हैं मगर टेस्ट मैच 20 % भी नहीं खेला जाता और इसके बावजूद बीसीसीआई उन्हें ए ग्रेड का कांट्रैक्ट दे देती है

 

 

इरफान पठान ने क्या बोला  ?

और इस मामले पर इरफान पठान और हर्षा भोगले ने वाइट बॉल के घरेलू टूर्नामेंट नहीं खेलने चाहिए क्या अगर टेस्ट खेलने के लिए रंजी खेलना जरूरी है तो फिर ओडीआई और t20 वालों के लिए वाइट बॉल के डोमेस्टिक टूर्नामेंट भी जरूरी होने चाहिए मगर क्या वो हैं इसका जवाब देना कोई मुश्किल काम नहीं है यही वजह है कि बहुत सारे लोग ईशान किशन और श्रेयास अयर को सेंट्रल कांट्रैक्ट का हिस्सा ना बनाने की वजह से बीसीसीआई से कह रहे हैं

हिपोक्रिटिक्स आईटीओ इन दोनों खिलाड़ियों को आईपीएल से ही बाहर करवाना चाहिए था क्योंकि लोगों का यह मानना है कि इसी आईपीएल में मिलने वाले पैसे के दम पर ही तो इन जैसे प्लेयर्स इंटरनेशनल क्रिकेट को डिसरेटर रहे हैं अगर बीसीसीआई को सच में लग रहा है कि लोग आईपीएल के चक्कर में डोमेस्टिक क्रिकेट नहीं खेल रहे तो सेंट्रल कांट्रैक्ट ना देने से खिलाड़ियों को क्या फर्क पड़ेगा बताइए क्योंकि बिना कांट्रैक्ट के भी ये दोनों प्लेयर टीम इंडिया में अब भी खेल सकते हैं

 

 

फ्रेंचाइजी बगावत कर सकती है

आईपीएल उनका चल ही रहा है तो फिर ये सजा कैसे हो गई सजा तो तब होती जब इन पर आईपीएल खेलने पर बैन लगाकर इनको करोड़ों का झटका दिया जाता मगर ऐसा करना तो खुद बीसीसीआई के बस में नहीं है क्योंकि जिन फ्रेंचाइजी ने करोड़ों रुपए लगाकर इन प्लेयर्स को खरीदा है क्या वो बीसीसीआई को ऐसा करने देंगी

अगर बीसीसीआई ने ऐसा कर दिया तो फ्रेंचाइजी बगावत कर सकती है और देखते ही देखते पूरे आईपीएल की लंका लग सकती है और आईपीएल की लंका लगे ये तो बीसीसीआई भी अफोर्ड नहीं कर सकता सच कहूं तो सच इतना कड़वा है जिसे बीसीसीआई का कोई ऑफिशियल भी नहीं सुनना चाहेगा ये ऐसे ही है जैसे कोई मां-बाप बचपन से बच्चों के सामने सिर्फ पैसे की बात करें और उन्हें प्यार मोहब्बत और रिलेशनशिप की बात ना सिखाए तो बताइए क्या होगा बड़ा होकर वो बच्चा भी अपने मां-बाप की तरह मनी माइंडेड बनेगा कि नहीं बनेगा उसके अंदर इमोशनल इंटेलिजेंस जीरो होगी

 

 

वही हाल इंडियन क्रिकेट का है इनको खुद पैसे के आगे कुछ दिखाई नहीं देता वो पैसे के लिए आईपीएल जैसे टूर्नामेंट को दो-दो महीने तक खींचते हैं सिर्फ पैसे और ऐड रेवेन्यू के लिए हर इनिंग में दो-दो स्ट्रेटेजिक ब्रेक ठूंस दिए जाते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा पैसा होगा बाबू भैया इसी पैसे के चक्कर में वो वर्ल्ड कप खत्म होने के ती दिन बाद ऑस्ट्रेलिया से पांच मैचों की सीरीज रखवा देते हैं अफ्रीका जैसी टीम के खिलाफ सिर्फ दो टेस्ट खेले जाते हैं

ये वही लोग हैं जिन्होंने 2 साल पहले इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट से पहले कोरोना की बात बोलकर टीम इंडिया को इसलिए वापस बुला लिया ताकि उस सीरीज के फौरन बाद शुरू होने वाले आईएल पर कोई आंच ना आए और आज यही लोग जी हां दोस्तों यही लोग जब अपने खिलाड़ियों को यह ज्ञान दे रहे हैं कि तुम डोमेस्टिक क्रिकेट के ऊपर आईपीएल को इंपॉर्टेंस मत दो

 

 

अपने देश को पहले इम्पोर्टेन्स देना

दोस्तों मुझे याद आता है कि वर्ल्ड कप के फौरन बाद ऑस्ट्रेलियाई प्लेयर मिशल मार्श की एक पिक्चर वायरल हुई थी इस पिक में मार्श वर्ल्ड कप ट्रॉफी पर अपनी टांगे फैलाए हुए थे आपने भी ये देखी होगी फोटो पिक्चर सामने आने के बाद भारत में बहुत सारे लोगों ने उनको यह बोलकर क्रिटिसाइज किया कि इन लोगों को ट्रॉफी की रिस्पेक्ट करनी नहीं आती देखो के कैसे संस्कार है वगैरह वगैरह लेकिन किसी आदमी की अपने स्पोर्ट्स को लेकर क्या कमिटमेंट है यह इस बात से चेक मत करो कि व ट्रॉफी पर पैर रख रहा है या ट्रॉफी को सर पर उठा रहा है

अगर आपको सच में उसकी कमिटमेंट देखनी है उसकी रिस्पेक्ट देखनी है तो यह देखिए जब पैसे और रियल क्रिकेट में से किसी एक को चुनने का मौका आता है तो वो खिलाड़ी किसको चुनता है  ये वही ऑस्ट्रेलिया है जिसके टीम से पैट कमिंस और मिशल स्टार्क जैसे खिलाड़ी एशेज और वर्ल्ड कप जैसे टूर्नामेंट के लिए खुद को फिट रखने के लिए आईपीएल से नाम वापस ले लेते हैं फिर भले ही उस आईपीएल से उन्हें करोड़ रुपए मिल सकते हो मगर अगर उन्हें लगता है कि लीग क्रिकेट के करोड़ों रुपए के सामने देश के लिए खेलना ज्यादा बड़ा है

 

 

तो ये लोग करोड़ों रुपए का भी सैक्रिफाइस कर देते हैं देखो अपने खिलाड़ियों की ना कोई डिसरेटर जब से आईपीएल शुरू हुआ है दोस्तो एक खिलाड़ी का नाम एक प्लेयर का नाम मेरे को बता दो जिसने इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए खुद को फिट रखने के लिए आईपीएल छोड़ा हो एंडरसन जैसा महान गेंदबाज आज 42 साल की उम्र में भी अपनी कंट्री के लिए क्रिकेट खेलता है

और हमारे यहां 24 – 24 साल के लौंडो को लगता है कि रणजी खेलना उनकी शान के खिलाफ है आप ही बताइए ऐसी थिंकिंग और खिलाड़ियों के साथ आप क्या अचीव कर पाओगे हैं यह सच है कि इंडिया में टैलेंट की कोई कमी नहीं है हमने पिछले कई सालों में बहुत अच्छा क्रिकेट खेला है हर बड़ी टीम को उसके घर में हराया है

मगर यह भी सच है कि इतना पैसा और इतने प्लेयर्स होने के बावजूद पिछले इतने सालों से हम एक भी आईसी ट्रॉफी नहीं जीत पाए एक भी नहीं अगर टीम इंडिया को सच में कुछ बड़ा करना है तो उसके कई खिलाड़ियों को पैसा छोड़कर इंटरनेशनल क्रिकेट की इज्जत करनी ही होगी कई लोग मानते हैं कि जब तक यह खिलाड़ी अपने पैसे और शोहरत की भूख आईपीएल से पूरी करते रहेंगे तब तक आईसी ट्रॉफी जीतने का यह इंतजार यूं ही बना रहेगा

 

 

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