World cup 2024 virat kohli

• क्या विराट कोहली के वजह से वर्ल्ड कप हारेंगे क्या विराट वर्ल्ड कप खेलेंगे क्या स्ट्राइक रेट के वजह से विराट होंगे वर्ल्ड कप से बाहर चलिए पूरा सच जानते है क्या होगा  ?

इस वक्त मैच से भी जरूरी मुद्दा क्योंकि देखो 2 महीने से भी कम टाइम बचा है वर्ल्ड कप शुरू होने में और इस वक्त एक शब्द आप मीडिया में बहुत सुन रहे होंगे वो शब्द है स्ट्राइक रेट यकीन मानिए इस वक्त भारतीय बल्लेबाजों की लाइफ में इससे बड़ा शब्द कोई नहीं है क्योंकि 2007 के बाद से जो हम t-20 वर्ल्ड कप नहीं जीत पाए हैं और क्रिकेट पंडित 15 साल की रिसर्च के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि हमारे जीत ना पा आने की सबसे बड़ी वजह स्ट्राइक रेट है

 

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जिस तरह से टेस्ट क्रिकेट में एवरेज का बड़ा महत्व होता है वैसे ही t-20 क्रिकेट में स्ट्राइक रेट का बड़ा इंपॉर्टेंस होता है जो लोग एकदम ही नन्हे बाबू हैं और उनको पता ही नहीं है कि स्ट्राइक रेट का मतलब क्या होता है सिंपल शब्दों में ये समझ लो कि एक बल्लेबाज कितनी तेजी से रन बना रहा है इसको नापने का क्रिकेट में पैमाना स्ट्राइक रेट है यानी जिसका स्ट्राइक रेट जितना ज्यादा है वो उतनी तेजी से रन बना रहा है अब दिक्कत ये है कि कुछ खिलाड़ी जिनका दो महीने में वर्ल्ड कप जिनको खेलना है

उनका स्ट्राइक रेट चिंता का विषय है क्योंकि मॉडर्न t-20 क्रिकेट अब बहुत तेज रफ्तार से रन बनाने की डिमांड कर रहा है जबकि हमारे कुछ बल्ले अभी भी उस पुरानी तकनीक से बैटिंग कर रहे हैं जो हमको वर्ल्ड कप में एक बार फिर धोखा दे देगी कौन है ये खिलाड़ी और क्या है इनका स्ट्राइक रेट और क्या ये वाकई धीमे खेलने के लिए जिम्मेदार है आइए इस पर बात करते हैं धीमे खेलने का इल्जाम लगने वाले पहले खिलाड़ी पर जो है

विराट कोहली विराट ने इस साल भर भर के रन बनाए हैं जिसमें से पिछले मैच में उनकी सेंचुरी भी शामिल है 16 सालों के करियर में विराट का ये सर्वाधिक स्कोर था जो उन्होंने राजस्थान के खिलाफ 113 बनाया इस दौरान उन्होंने 72 गेंदें खेली स्ट्राइक रेड 156 का था जो कि t20 क्रिकेट में बढ़िया माना जाता है लेकिन जिनको उंगली करनी है वोह कहीं भी कर देते हैं कोहली के अलावा उस मैच में एक और सेंचुरी बनी थी यह सेंचुरी थी जॉस बटलर की जिन्होंने 100 रन 58 गेंद में बनाए स्ट्राइक रेट 172 का संजू ने भी इस मैच में हाफ सेंचुरी लगाई और उनका स्ट्राइक रेट 165 का था

 

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लोगों ने कहा कि कोहली के शतक जमाने का क्या फायदा बटलर और संजू से धीमा खेला उन्होंने इसी वजह से बेंगलुरु हार गई ऐसा कहने वालों के लिए मैं कांटेक्ट सेट कर देता हूं ये सही बात है कि विराट कोहली का स्ट्राइक रेट बटलर और संजू से कम था लेकिन क्या आपको ये बात भी कंसीडर नहीं करनी चाहिए कि विराट ने लड़ाई अकेले लड़ी थी उनका साथ देने के लिए कोई नहीं था सामने वाले एंड पर सारे खिलाड़ी आउट होते जा रहे थे ऐसे में विराट को पता था कि अगर बटलर की तरह खेले तो संजू की तरह साथ देने वाला कोई नहीं होगा क्योंकि बटलर के पास संजू थे

लेकिन विराट को पता था कि उनकी टीम नल्ला पाव है वो भी आउट हो जाएंगे तो 150 रन भी नहीं बनेंगे इसलिए कोहली के पास ना कोई बैकअप था ना ऑप्शन और ये चीज आपको उनके स्ट्राइक रेट में भी दिखाई दी दूसरी बात ये है कि कोली ने पहले बैटिंग करी और उनको एक टारगेट सेट करना था जबकि बटलर टारगेट के हिसाब से एडजस्ट कर सकते थे इसलिए विराट कोहली को आप इस लिस्ट से बाहर रखिए कौन है इस लिस्ट में दूसरा आपको बताते हैं

 

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कुछ खिलाड़ियों की पिछली इनिंग के बारे में बात करते हैं जो कि वर्ल्ड कप में खेलेंगे ये डेफिनेटली उनके नाम के बारे में विचार जरूर किया जाएगा कल के मैच में शे सीयर ने बनाया 32 में 34 चलो एक बार उनको बेनिफिट ऑफ डाउट दे देते हैं क्योंकि विकेट बहुत गिर गए थे कोलकाता के लेकिन परसों लखनऊ पहले खेल रही थी और उनके कप्तान केएल राहुल ने 31 में 33 बनाए थे वो तो ओपनिंग करते हैं इसी मैच में शुभमन ने 21 गेंदों में 19 बनाए थे

एक दिन पहले मुंबई और दिल्ली के मैच में जहां पर मुंबई की टीम 234 रन बनाई वहां पर उनके कप्तान हार्दिक पंड्या के खाते में 33 में 39 थे इसके उलट पृथ्वी शह ने उस मैच में 40 गेंदों में 66 बनाए थे संजू भी जब खेलते हैं 150 से ज्यादा का स्ट्राइक रेट रखते हैं ईशान किशन ने भी क्या तुड़ाई करी लेकिन दुख की बात यह है कि शुभन गिल हार्दिक पंडे और केएल राहुल या तो वर्ल्ड कप डेफिनेटली जाएंगे या फिर उनके नाम पर विचार होगा

 

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क्योंकि संजू और पृथ्वी शॉ के बारे में शायद टीम मीटिंग में जिक्र भी ना हो फिलहाल रोहित और यशस्वी जैसवाल दो नाम ऐसे हैं जो मॉडर्न t-20 क्रिकेट खेल रहे हैं जहां पर 40 गेंद में 50 बनाने से बेहतर है आप पहली गेंद में बिना रन बनाए आउट हो जाओ जैसा कि मैंने कहा पिछले कुछ समय से हमारे हार की वजह खिलाड़ियों का धीमा खेलना ही रहा है

2022 t-20 वर्ल्ड कप में हमारे खिलाड़ियों ने मेडन ओवर खेले हैं मस्त विन मुकाबले में भी याद होगा आपको और 2024 में भी हम सेम फार्मूला अपना रहे हैं क्या इसका ये मतलब है कि हम एक और वर्ल्ड कप में हारने जा रहे हैं या फिर जितेश पृथ्वी सोव संजू जैसे खिलाड़ियों को मौका दे देना चाहिए आप क्या सोचते हैं

 

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